गर्मियों में भारत में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह
Best tourist places in India in summer
गर्मियों की तपिश से राहत: भारत की ठंडी जगहें जो बनेंगी आपकी परफेक्ट समर एस्केप
Best tourist places in India in summer
भारत, विविधताओं से भरा एक ऐसा देश है जहाँ हर कुछ किलोमीटर पर भाषा, संस्कृति, पहनावा और यहाँ तक कि मौसम भी बदल जाता है। यही विविधता हमारे देश को खास बनाती है। भारत के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहाँ गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है — जैसे राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके या उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र। इस झुलसाती गर्मी में लोग घर से निकलने में भी हिचकते हैं। लेकिन इसी भारत में कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहाँ की ठंडी हवाएं और शांत वातावरण गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत बन जाते हैं।
गर्मियों के मौसम में जब पंखे और एसी भी बेअसर लगने लगते हैं, तब ये ठंडी जगहें एक शानदार विकल्प बन जाती हैं छुट्टी मनाने के लिए। तो चलिए जानते हैं भारत की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जो आपकी गर्मियों की छुट्टियों को बना सकती हैं यादगार और सुकून भरी।
- शिमला (हिमाचल प्रदेश)
ब्रिटिश काल में ग्रीष्मकालीन राजधानी रह चुका शिमला आज भी अपने ठंडे मौसम, पहाड़ी नज़ारों और आकर्षक वास्तुकला के लिए मशहूर है। यहाँ का तापमान गर्मियों में 15 से 30 डिग्री के बीच रहता है, जो इसे एक आदर्श समर डेस्टिनेशन बनाता है।
शिमला: पहाड़ों की रानी और गर्मियों की ठंडी छांव
शिमला की खूबसूरत पहाड़ियाँ
भारत के खूबसूरत हिमाचल प्रदेश में बसा शिमला, अपनी ठंडी हवाओं, मनमोहक नजारों और ऐतिहासिक ब्रिटिश वास्तुकला के लिए विश्वभर में जाना जाता है। ब्रिटिश काल में ग्रीष्मकालीन राजधानी रह चुका यह शहर आज भी पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य है।
शिमला का मौसम और तापमान
गर्मियों में शिमला का तापमान लगभग 15°C से 30°C के बीच रहता है, जो इसे गर्मियों में घूमने के लिए आदर्श बनाता है। सर्दियों में तापमान गिरकर -5°C तक पहुंच जाता है, जिससे बर्फबारी होती है।
शिमला में घूमने की प्रमुख जगहें
- मॉल रोड: शॉपिंग, कैफे, और लोकल मार्केट के लिए मशहूर
- रिज मैदान (The Ridge): हिमालय के पहाड़ों का खूबसूरत नजारा
- जाखू मंदिर: भगवान हनुमान का प्रसिद्ध मंदिर
- क्राइस्ट चर्च: ब्रिटिश वास्तुकला की मिसाल
- कुफरी और नारकंडा: बर्फीले पहाड़ी स्थल शिमला के पास
शिमला क्यों जाएं?
- गर्मियों में ठंडी जलवायु का आनंद लेने के लिए
- प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक जगहें देखने के लिए
- परिवार, दोस्तों या रोमांटिक गेटवे के लिए
- ट्रेकिंग और आउटडोर एक्टिविटीज के लिए
शिमला कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: जुब्बरहट्टी (शिमला एयरपोर्ट) या चंडीगढ़ एयरपोर्ट
- रेल मार्ग: कालका से शिमला तक प्रसिद्ध टॉय ट्रेन (UNESCO धरोहर)
- सड़क मार्ग: दिल्ली, चंडीगढ़ से वोल्वो और प्राइवेट बसें उपलब्ध
यात्रा का औसत खर्च (3 दिन)
खर्च | बजट | मिड-रेंज | लग्ज़री |
ट्रांसपोर्ट | ₹1,000 – ₹2,000 | ₹3,000 – ₹4,000 | ₹6,000+ |
होटल/स्टे | ₹800 – ₹1,500 | ₹2,000 – ₹3,500 | ₹5,000+ |
खाना | ₹300 – ₹600 | ₹800 – ₹1,200 | ₹2,000+ |
एक्टिविटीज़ | ₹500 – ₹1,000 | ₹1,500 – ₹2,500 | ₹3,000+ |
कुल | ₹5,000 – ₹8,000 | ₹12,000 – ₹18,000 | ₹25,000+ |
शिमला घूमने का सबसे अच्छा समय
- अप्रैल से जून (गर्मी)
- दिसंबर से जनवरी (सर्दी)
निष्कर्ष
शिमला प्रकृति, इतिहास और आधुनिकता का खूबसूरत संगम है। गर्मी या सर्दी में यादगार अनुभव के लिए शिमला बेस्ट जगह है।
- मनाली (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल की घाटियों में बसा मनाली रोमांच पसंद करने वालों के लिए स्वर्ग है। पार्वती और ब्यास नदियों की कलकल, चारों ओर फैली हरियाली और बर्फ से ढकी चोटियाँ यहाँ की खासियत हैं। गर्मियों में भी यहाँ हल्की ठंडक बनी रहती है।
मनाली: रोमांच, सुकून और ठंडक का परफेक्ट कॉम्बो
भारत के उत्तरी पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बसा मनाली, उन यात्रियों के लिए एक सपना है जो प्रकृति की गोद में शांति, रोमांच और ताज़गी ढूंढते हैं। गर्मियों की तेज़ धूप हो या सर्दियों की बर्फीली हवा, मनाली हर मौसम में खास है।
🌡️ मनाली का मौसम और तापमान
- गर्मियों में (मई से जुलाई) तापमान: 10°C से 25°C
- सर्दियों में (दिसंबर से फरवरी) तापमान: -5°C से 10°C
- मानसून (जुलाई-अगस्त): हल्की बारिश, फिसलन भरे रास्ते — यात्रा के लिए थोड़ा रिस्की
जब देश के अन्य हिस्से 45°C की गर्मी में झुलस रहे होते हैं, तब मनाली में ठंडी हवा और हरियाली दिल को सुकून देती है।
🎯 मनाली क्यों जाना चाहिए?
- प्राकृतिक सुंदरता: बर्फ से ढके पहाड़, नदियां, घाटियां और देवदार के जंगल
- एडवेंचर स्पोर्ट्स: राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, ज़ॉर्बिंग
- शांति और रिलैक्सेशन: हिल स्टेशन का slow-paced life
- रोमांटिक गेटवे: कपल्स के लिए भी परफेक्ट डेस्टिनेशन
- बर्फ देखने का मौका: सर्दियों में स्नोफॉल और गर्मियों में रोहतांग पास
📍 घूमने की प्रमुख जगहें
- सोलांग वैली – विंटर स्पोर्ट्स और बर्फ़बारी
- रोहतांग पास – ऊंचाई पर बर्फ और नज़ारों का स्वर्ग
- हडिंबा देवी मंदिर – ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल
- मनु मंदिर – शांत और आध्यात्मिक अनुभव
- मॉल रोड – लोकल शॉपिंग, स्ट्रीट फूड और हैंगआउट
🚗 मनाली कैसे पहुंचे?
- ✈️ हवाई मार्ग: नज़दीकी एयरपोर्ट भुंतर (Kullu-Manali Airport) – 50 KM दूर
- 🚆 रेल मार्ग: नज़दीकी रेलवे स्टेशन – जोगिंदर नगर, या चंडीगढ़/पठानकोट
- 🚌 सड़क मार्ग: दिल्ली, चंडीगढ़ से वोल्वो बसें उपलब्ध | दूरी – दिल्ली से 530 KM
💰 औसतन खर्च कितना आता है?
मनाली की यात्रा का खर्च आपके ट्रैवल स्टाइल पर निर्भर करता है। लेकिन एक अनुमानित 3-4 दिन के ट्रिप का औसत खर्च इस तरह हो सकता है:
खर्च का प्रकार | बजट यात्रा (₹) | मिड-रेंज (₹) | लग्ज़री (₹) |
ट्रांसपोर्ट (दिल्ली से) | 1,200 – 2,500 (बस) | 4,000 (टैक्सी) | 6,000+ |
होटल / स्टे | 800 – 1,500 /रात | 2,000 – 4,000 | 6,000+ |
खाना | 300 – 600 /दिन | 700 – 1,200 | 2,000+ |
एक्टिविटीज़ | 1,000 – 2,000 | 2,000 – 4,000 | 5,000+ |
कुल (3 दिन) | ₹5,000 – ₹8,000 | ₹12,000 – ₹18,000 | ₹25,000+ |
(ये अनुमान 2025 के हिसाब से हैं और सीज़न, बुकिंग टाइम व एक्टिविटी के अनुसार बदल सकते हैं)
📅 मनाली जाने का सबसे अच्छा समय
- गर्मी में (मई – जून): ठंडक के लिए बेस्ट टाइम
- सर्दियों में (दिसंबर – जनवरी): बर्फबारी का मज़ा लेने के लिए
- मानसून (जुलाई – अगस्त): थोड़ी रिस्की, भूस्खलन की संभावना
✨ निष्कर्ष
मनाली सिर्फ एक ट्रैवल डेस्टिनेशन नहीं है, यह एक अनुभव है — जहां हर कोई खुद को प्रकृति के और करीब महसूस करता है। चाहे आप एडवेंचर लवर हों, नेचर सीकर, या बस भीड़-भाड़ से दूर शांति चाहते हों — मनाली आपके लिए है।
तो अगली बार जब गर्मी से परेशान हों या जिंदगी में थोड़ा excitement चाहिए, तो मनाली की ठंडी वादियां आपका इंतज़ार कर रही हैं।
- माउंट आबू (राजस्थान)
राजस्थान में जहाँ अधिकतर इलाके गर्म और शुष्क हैं, वहीं माउंट आबू एकमात्र हिल स्टेशन है जो गर्मियों में राहत देता है। अरावली पर्वतों पर बसा यह शहर इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का सुंदर संगम है।
माउंट आबू: राजस्थान का ठंडा स्वर्ग और हिल स्टेशन
राजस्थान अपनी गर्म और शुष्क जलवायु के लिए जाना जाता है, लेकिन यहाँ भी एक ऐसा खूबसूरत हिल स्टेशन है जो गर्मियों में आपको ठंडक और सुकून देता है — माउंट आबू। अरावली पर्वतों की गोद में बसा यह शहर राजस्थान की संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का शानदार मिश्रण है।
क्यों है माउंट आबू खास?
माउंट आबू राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन है, जहाँ गर्मियों का तापमान 20°C से 30°C के बीच रहता है। इस वजह से राजस्थान की तपती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं। यहाँ की ठंडी हवाएँ, हरे-भरे जंगल, झरने और शांत पहाड़ी नजारे दिल को छू जाते हैं।
माउंट आबू में घूमने की जगहें
- नक्की झील: माउंट आबू की सबसे प्रसिद्ध झील, जहाँ आप नाव की सैर का आनंद ले सकते हैं।
- दिलोवा मठ: एक खूबसूरत जैन मंदिर जो अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर है।
- गुरुशिखर: अरावली पर्वत की सबसे ऊँची चोटी, जहाँ से सूर्योदय का नजारा मनमोहक होता है।
- आदर्श मंदिर: भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध मंदिर।
- सत्यनारायण मंदिर और टोडा गांव: सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल।
माउंट आबू कैसे जाएं?
- सड़क मार्ग: अजमेर, उदयपुर और राजसमंद से बस और टैक्सी से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन अजमेर (लगभग 165 किलोमीटर) है।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाईअड्डा उदयपुर में है, जो माउंट आबू से लगभग 180 किलोमीटर दूर है।
माउंट आबू घूमने का सबसे अच्छा समय
- अप्रैल से जुलाई: गर्मियों में यहाँ ठंडी हवा मिलती है, जो राजस्थान के लिए खास है।
- अक्टूबर से मार्च: सर्दियों में भी माउंट आबू का मौसम खुशनुमा रहता है, लेकिन थोड़ी ठंडक बढ़ जाती है।
खर्च और सुविधाएँ
माउंट आबू में हर बजट के लिए रहने और खाने की सुविधाएं मौजूद हैं। बजट होटल से लेकर लग्ज़री रिसॉर्ट तक विकल्प हैं। दैनिक खर्च ₹1,000 से ₹3,000 तक हो सकता है, जो यात्रा के तरीके और सुविधाओं पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष
अगर आप राजस्थान की गर्मी से बचकर प्रकृति की गोद में कुछ दिन बिताना चाहते हैं, तो माउंट आबू आपके लिए बेस्ट विकल्प है। यहाँ का ठंडा मौसम, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर आपको जरूर मोह लेंगी।
- दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)
“पूर्व की रानी” कहे जाने वाला दार्जिलिंग चाय बागानों, टॉय ट्रेन और कंचनजंघा के शानदार दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की सुबह की हल्की ठंडक और शांत वातावरण गर्मियों में मानसिक शांति का अनुभव कराते हैं।
दार्जिलिंग: पूर्व की रानी और चाय की खुशबू से भरी पहाड़ियाँ
अगर आपको पहाड़ों की ठंडी हवा, चाय की महक और शांत सुबहों का जादू पसंद है, तो दार्जिलिंग आपकी ज़िंदगी में एक ऐसा नाम है जिसे सुनते ही दिल रोमांचित हो जाता है। पश्चिम बंगाल में बसे इस खूबसूरत हिल स्टेशन को “पूर्व की रानी” भी कहा जाता है, और इसके पीछे कारण भी कमाल के हैं।
चाय के बागान: हरियाली और ताज़गी की मिसाल
दार्जिलिंग के बागानों में फैली हरियाली और चाय की खुशबू हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। जब सुबह की हल्की ठंडी हवा में आप चाय के पौधों के बीच टहलते हैं, तो हर सांस में ताजगी घुल जाती है। यहाँ की खास डार्जिलिंग चाय तो विश्वभर में प्रसिद्ध है, जिसकी चुस्की लेते ही आप एक अलग ही दुनिया में पहुँच जाते हैं।
टॉय ट्रेन की सवारी: पुराने ज़माने की यादें
दार्जिलिंग की टॉय ट्रेन, जिसे दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे कहा जाता है, यूनेस्को की विश्व धरोहर भी है। यह छोटा सा ट्रेन सफर आपको 100 साल पुराने समय में ले जाता है, जहाँ पहाड़ों के बीच ट्रेन की खिड़की से दिखते घाटी और जंगल आपके सफर को यादगार बना देते हैं।
कंचनजंघा की शान और सुबह का सूरज
सबसे खास बात है यहाँ से दिखने वाला कंचनजंघा पर्वत का नजारा — जो दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा पहाड़ है। सुबह सूरज की पहली किरण जब कंचनजंघा की चोटियों को गुलाबी रंग से रंग देती है, तो ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने अपना सबसे खूबसूरत चित्र बनाना शुरू कर दिया हो।
दार्जिलिंग की सुबह: शांति का एहसास
गर्मियों में जब बाकी जगहों पर पसीना छूट रहा होता है, दार्जिलिंग की सुबह ठंडी, शांत और सुकून देने वाली होती है। यहाँ का वातावरण आपको न सिर्फ ताज़गी देता है बल्कि मन को भी एक नई ऊर्जा से भर देता है।
घूमने लायक खास जगहें
- सनराइज पॉइंट: कंचनजंघा की पहली रोशनी देखने के लिए बेस्ट जगह।
- बटासिया लूप: यह रेलवे स्टेशन के पास एक खूबसूरत मोड़ है जहाँ से पहाड़ों का अद्भुत दृश्य दिखता है।
- पोलो मैदान: दार्जिलिंग का दिल, जहाँ बच्चे खेलते हैं और लोग आराम करते हैं।
- हिमालयन जूलॉजिकल पार्क: दुर्लभ पशु-पक्षियों को देखने का मज़ा।
- मठ और मंदिर: शांतिपूर्ण धार्मिक स्थल जैसे गौशाला, गुम्फा, और शान्तिनिकेतन।
कैसे पहुंचे?
- निकटतम हवाई अड्डा: बागडोगरा (लगभग 70 किमी दूर)
- निकटतम रेलवे स्टेशन: NJP (न्यू जलपाईगुड़ी)
- सड़क मार्ग: NJP या बागडोगरा से टैक्सी या बस से सीधे दार्जिलिंग पहुँचा जा सकता है।
कब जाएं?
- मार्च से जून तक का समय सबसे बढ़िया रहता है क्योंकि मौसम सुहाना होता है।
- अक्टूबर से नवंबर के बीच भी दार्जिलिंग अपनी रंगीनता और ठंडी हवा के लिए मशहूर है।
क्यों जाएं दार्जिलिंग?
- ताज़गी भरी ठंडी हवा के लिए
- अद्भुत प्राकृतिक नजारों और शांत वातावरण के लिए
- चाय के बागानों और स्वादिष्ट चाय के लिए
- सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अनुभव के लिए
निष्कर्ष
दार्जिलिंग सिर्फ एक हिल स्टेशन नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो आपकी आत्मा को छू जाता है। यहां की ठंडी हवा, चाय की खुशबू और हिमालय की बाहों में बसी शांति, हर यात्री के दिल में एक यादगार कहानी छोड़ जाती है। तो अगली छुट्टी में दार्जिलिंग जरूर जाएं — जहां हर दिन एक नई शुरुआत होती है!
आपका दार्जिलिंग का अनुभव कैसा रहा? कमेंट में जरूर बताएं और इस पोस्ट को शेयर कर अपने दोस्तों को भी इस जादुई जगह के बारे में बताएं!
- औली (उत्तराखंड)
औली, आमतौर पर स्कीइंग के लिए जाना जाता है, लेकिन गर्मियों में यह ठंडी हवाओं और घास की हरी-भरी ढलानों के कारण एक सुकूनदायक जगह बन जाती है। ट्रैकिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीनों के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है।
औली: उत्तराखंड का ठंडा और हरियाली से भरा पहाड़ी स्वर्ग
उत्तराखंड की मनमोहक वादियों में बसा औली एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो अपनी स्कीइंग के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन गर्मियों में यह अपनी ठंडी हवाओं और हरी-भरी घास की ढलानों के कारण भी हर ट्रैवलर का पसंदीदा बन जाता है। अगर आप एडवेंचर, ट्रैकिंग और प्रकृति के बीच शांति का आनंद लेना चाहते हैं, तो औली आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
औली में क्या खास है?
- स्कीइंग का मशहूर केंद्र: सर्दियों में यहां की बर्फ़ीली ढलानें स्कीइंग के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
- ग्रीष्मकालीन ठंडक: गर्मियों में औली का तापमान लगभग 10°C से 25°C के बीच रहता है, जो इसे पहाड़ी गर्मी से बचने वालों के लिए आदर्श बनाता है।
- हरी-भरी वादियाँ और ट्रैकिंग: घास के मैदान, देवदार के जंगल और नदियाँ ट्रैकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग हैं।
- एडवेंचर स्पोर्ट्स: पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग जैसी गतिविधियाँ भी उपलब्ध हैं।
औली कैसे जाएं?
हवाई मार्ग
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है जॉलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून), जो औली से लगभग 280 किलोमीटर दूर है। यहाँ से टैक्सी या बस द्वारा औली पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग
निकटतम रेलवे स्टेशन है रूड़की या हरिद्वार। इन स्थानों से टैक्सी या बस से औली जाया जा सकता है।
सड़क मार्ग
देहरादून, ऋषिकेश, और हरिद्वार से नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। औली की सड़कें अच्छी हैं और सफर खूबसूरत पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरता है।
औली में घूमने और करने लायक खास जगहें
- चोपटा: ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध स्थान, यहाँ से आपको खूबसूरत हिमालयी दृश्य दिखते हैं।
- कुनाल टॉप: हाइकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए शानदार जगह।
- कैलाश गुफा: धार्मिक और प्राकृतिक महत्व का स्थान।
- डोलधुरा: नदियों के संगम और ट्रैकिंग पॉइंट।
- स्कीइंग रिसॉर्ट: सर्दियों में स्कीइंग सीखने के लिए बेस्ट जगह।
औली घूमने का सबसे अच्छा समय
- गर्मी (अप्रैल से जून): जब बाकी जगहों पर गर्मी रहती है, तब औली में ठंडी हवा और हरी-भरी वादियाँ आपको ताजगी देंगी।
- सर्दी (दिसंबर से फरवरी): बर्फबारी के साथ स्कीइंग का आनंद लेने के लिए।
औली यात्रा का खर्च (लगभग)
खर्च | बजट | मिड-रेंज | लग्ज़री |
आवागमन | ₹2,000 – ₹4,000 | ₹5,000 – ₹7,000 | ₹10,000+ |
होटल/स्टे | ₹1,000 – ₹1,800 | ₹2,500 – ₹4,000 | ₹6,000+ |
खाना | ₹400 – ₹700 | ₹800 – ₹1,200 | ₹2,000+ |
एक्टिविटीज़ | ₹500 – ₹1,000 | ₹1,500 – ₹3,000 | ₹4,000+ |
कुल | ₹5,000 – ₹7,500 | ₹10,000 – ₹15,000 | ₹22,000+ |
क्यों जाएं औली?
- ठंडी और स्वच्छ हवा में प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने।
- एडवेंचर स्पोर्ट्स और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए परफेक्ट जगह।
- परिवार और दोस्तों के साथ सुकून भरे पल बिताने।
- गर्मी से बचने और मानसिक ताजगी के लिए।
निष्कर्ष
औली, उत्तराखंड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन, हर मौसम में अपने अलग ही अंदाज़ से दिल जीत लेता है। चाहे आप एडवेंचर के दीवाने हों या शांति की तलाश में, औली में दोनों का बेहतर मिश्रण मिलेगा। अगली बार जब पहाड़ों की ठंडक और हरियाली का मज़ा लेना हो, तो औली को जरूर अपनी ट्रैवल लिस्ट में शामिल करें।
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निष्कर्ष
भारत का भौगोलिक और सांस्कृतिक वैविध्य ही इसकी असली ताकत है। जब देश के एक हिस्से में लोग गर्मी से बेहाल होते हैं, तब दूसरे हिस्से की ठंडी वादियाँ राहत और सुकून देती हैं। ये हिल स्टेशन न केवल मौसम से राहत देते हैं, बल्कि मानसिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी कराते हैं।
इस गर्मी, अगर आप भी सोच रहे हैं भागने की इस तपती धूप से, तो भारत की ये ठंडी जगहें आपका स्वागत करने को तैयार हैं