लेखक: एडवोकेट मोहन कुमार

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक में लगभग 67,000 करोड़ रुपये की लागत के विभिन्न रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी। यह निर्णय थल सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए नई खरीद और उन्नयन परियोजनाओं को गति देगा, जिससे भारत की रक्षा क्षमताएं और अधिक सुदृढ़ होंगी।
रक्षा अधिग्रहण परिषद की ऐतिहासिक बैठक
आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की महत्वपूर्ण बैठक में भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने वाला ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। लगभग 67,000 करोड़ रुपये की लागत वाले कई प्रस्तावों को इस बैठक में स्वीकृति दी गई, जो भारतीय सेनाओं की संचालनात्मक और तकनीकी क्षमताओं को नई ऊंचाई प्रदान करेंगे।
थल सेना के लिए अत्याधुनिक तकनीक
भारतीय थल सेना के लिए बीएमपी इन्फैंट्री लड़ाकू वाहन में प्रयुक्त होने वाले थर्मल इमेजर-आधारित ड्राइवर नाइट साइट की खरीद को मंजूरी दी गई है। इस कदम से बीएमपी की रात्रिकालीन ड्राइविंग क्षमता में न केवल इज़ाफा होगा, बल्कि मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री की त्वरित प्रतिक्रिया और गतिशीलता भी बेहतर होगी।
नौसेना को मिलेगा नया बल
भारतीय नौसेना के लिए भी इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई गई:
- कॉम्पैक्ट ऑटोनॉमस सरफेस क्राफ्ट (CASC) की खरीद
- ब्रह्मोस फायर कंट्रोल सिस्टम और लॉन्चर की खरीद
- बराक-1 पॉइंट डिफेंस मिसाइल सिस्टम का उन्नयन
CASC के जरिए भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी अभियानों में आधुनिक क्षमताएं प्राप्त होंगी, जिससे समुद्री सीमाओं की निगरानी और रक्षा और भी सशक्त होगी।
वायुसेना को मिलेगा रडार और हथियार प्रणाली उन्नयन
भारतीय वायु सेना के लिए दो प्रमुख परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई:
- पर्वतीय राडारों की खरीद, जिससे दुर्गम इलाकों में हवाई निगरानी मजबूत होगी
- स्पाइडर शस्त्र प्रणाली ‘सक्षम’ का उन्नयन, जिससे यह एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली से बेहतर ढंग से जुड़ सकेगा
ये दोनों प्रणालियां वायु सेना की हवाई रक्षा क्षमताओं को अत्याधुनिक स्तर तक पहुंचाएंगी।
तीनों सेनाओं को मिलेगा MALE RPA
तीनों सेनाओं के लिए मध्यम ऊंचाई वाले लंबी दूरी के (MALE) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। ये ड्रोन:
- कई प्रकार के हथियार और पेलोड ले जाने में सक्षम होंगे
- दिन-रात निगरानी और युद्ध अभियानों में अत्यधिक प्रभावशाली होंगे
- सीमाओं की निगरानी, आतंकवाद विरोधी अभियानों और टारगेट स्ट्राइक में बड़ी भूमिका निभाएंगे
लॉजिस्टिक समर्थन और मेंटेनेंस पर भी ज़ोर
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने C-17 और C-130J विमानों के रखरखाव, तथा S-400 वायु रक्षा प्रणाली के लिए कॉम्प्रिहेन्सिव एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (CAMC) को भी स्वीकृति दी है। इससे भारत की लॉजिस्टिक क्षमताओं और दीर्घकालिक सैन्य तैयारियों को बल मिलेगा।
रक्षा अधिग्रहण परिषद का यह निर्णय भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति और मेक इन इंडिया अभियान की दिशा में एक ठोस कदम है। इन अनुमोदनों के ज़रिए भारत न केवल अपनी रक्षा क्षमताएं बढ़ा रहा है, बल्कि उन्नत तकनीक और रणनीतिक श्रेष्ठता की ओर भी तेज़ी से अग्रसर हो रहा है।
देश और विदेश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए विज़िट करें: www.madhubanitimes.com