यात्री बस से दो करोड़ रुपए के जाली नोटों के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

Date: 23 अगस्त 2025, रांची

यात्री बस से दो करोड़ रुपए के जाली नोटों के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

रांची: राजधानी रांची में पुलिस ने जाली नोटों के गोरखधंधे का पर्दाफाश करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में दो करोड़ रुपये के जाली नोट बरामद किए हैं। यह नकली नोट एक यात्री बस से निकाले गए और इन्हें एक कार में रखे जाने की कोशिश हो रही थी। पुलिस ने मौके से दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है और कार को भी जब्त कर लिया गया है। फिलहाल इस पूरे नेटवर्क के सरगना की तलाश जारी है। यह घटना राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश में नकली नोटों की समस्या की गंभीरता को उजागर करती है।


घटना कैसे हुई?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, स्पेशल ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग यात्री बस से नकली नोटों की बड़ी खेप ला रहे हैं। सूचना के आधार पर रांची-पटना मार्ग पर वाहनों की जांच शुरू की गई। इसी दौरान, पुलिस ने एक यात्री बस को रोका और उसमें से संदिग्ध पैकेट बरामद किए। इन पैकेटों में दो करोड़ रुपये के जाली नोट छुपाए गए थे।

तुरंत ही इन नोटों को एक कार में शिफ्ट किया जा रहा था, तभी पुलिस ने छापा मारकर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। प्राथमिक पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे लंबे समय से नकली नोटों के कारोबार से जुड़े हुए हैं।


पुलिस की कार्रवाई

रांची पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने कहा:

  • बरामद किए गए नोटों की पहली जांच में पता चला है कि ये नकली हैं और इन्हें आधुनिक प्रिंटिंग तकनीक से तैयार किया गया है।
  • नोट इतने असली जैसे लग रहे थे कि आम आदमी आसानी से धोखा खा सकता था।
  • फिलहाल नोटों को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।

पुलिस ने यह भी बताया कि गिरफ्तार तस्करों के पास से मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, नकली आईडी कार्ड और संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।


जाली नोट बरामदगी का महत्व

यह बरामदगी कई मायनों में अहम है:

  1. बड़ी राशि: दो करोड़ रुपये का नकली नोट बरामद होना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
  2. गिरोह का खुलासा: इससे साफ है कि नकली नोटों का नेटवर्क संगठित और विस्तृत है।
  3. जनसुरक्षा: नकली नोट आम लोगों की जेब तक पहुंचकर उनकी मेहनत की कमाई को प्रभावित कर सकते हैं।

जाली नोटों का असर

1. अर्थव्यवस्था पर असर

नकली नोट बाजार में फैलते हैं तो महंगाई और आर्थिक असंतुलन पैदा होता है। इससे असली मुद्रा का मूल्य घटता है और लोगों का विश्वास कम होता है।

2. आम जनता पर असर

  • दुकानदार, छोटे व्यापारी और मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
  • नकली नोट मिलने पर असली नुकसान आम जनता को उठाना पड़ता है।

3. राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर

नकली नोटों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में भी किया जाता है। इसलिए इसे केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि सुरक्षा का मुद्दा भी माना जाता है।


नकली नोट पहचानने के तरीके

पुलिस और आरबीआई ने समय-समय पर लोगों को नकली नोट पहचानने की सलाह दी है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • वॉटरमार्क: असली नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर वॉटरमार्क के रूप में होती है।
  • सिक्योरिटी थ्रेड: नोट में बीच से गुजरती हुई पट्टी होती है, जिस पर RBI लिखा होता है।
  • इंक का रंग बदलना: नोट को हिलाने पर कुछ हिस्सों की इंक का रंग बदलता है।
  • उभरी हुई छपाई: असली नोट में कुछ शब्द और आकृतियां उभरी हुई छपाई में होती हैं।

नकली नोटों की तस्करी पर रोकथाम के प्रयास

भारत सरकार और पुलिस लगातार नकली नोटों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है:

  1. स्पेशल टास्क फोर्स: राज्यों में STF और NIA जैसी एजेंसियां निगरानी रखती हैं।
  2. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा: नकली नोटों की संभावना कम करने के लिए डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  3. जागरूकता अभियान: आरबीआई और पुलिस समय-समय पर लोगों को जागरूक करती है।

गिरफ्तार तस्करों की पृष्ठभूमि

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गिरफ्तार तस्कर पहले भी नकली नोटों के मामले में जेल जा चुके हैं। दोनों आरोपी रांची के बाहरी इलाके के रहने वाले हैं और लंबे समय से गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं।

सूत्रों का कहना है कि ये गिरोह पड़ोसी राज्यों से नकली नोट लाकर यहां के बाजारों में सप्लाई करता था। गिरोह का मास्टरमाइंड अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।


पुलिस की अगली रणनीति

  • पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नकली नोट कहां से आए और इन्हें कहां सप्लाई किया जाना था।
  • अंतरराज्यीय नेटवर्क की संभावना को देखते हुए अन्य राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया गया है।
  • गिरफ्तार आरोपियों से मिले मोबाइल और कॉल डिटेल्स के आधार पर आगे की छानबीन जारी है।

आम जनता को चेतावनी

पुलिस ने लोगों से अपील की है:

  • किसी संदिग्ध व्यक्ति या पैकेट की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
  • लेन-देन के दौरान नोटों की सही जांच करें।
  • नकली नोट मिलने पर घबराने की बजाय नजदीकी पुलिस थाने में जानकारी दें।

विशेषज्ञ की राय

आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि नकली नोट देश की अर्थव्यवस्था के लिए छुपा हुआ खतरा हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन और कैशलेस व्यवस्था को अपनाकर इस समस्या को कम किया जा सकता है।


Conclusion

रांची पुलिस द्वारा दो करोड़ रुपये के नकली नोट बरामद करना एक बड़ी सफलता है। इससे साफ है कि नकली नोटों का नेटवर्क अभी भी सक्रिय है, लेकिन पुलिस और प्रशासन के सतर्क प्रयासों से इन पर रोक लगाई जा सकती है। जनता को भी सतर्क रहना होगा और ऐसे मामलों में पुलिस की मदद करनी होगी।

“देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों, राजनीति, अपराध, तकनीक और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की विस्तृत जानकारी के लिए Madhubani Times पर विज़िट करें।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *