1 करोड़ नौकरियों का वादा: बिहार कैबिनेट ने ‘औद्योगिक निवेश पैकेज 2025’ को दी मंजूरी

अगस्त 26, नई दिल्ली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। बैठक में कुल 26 प्रस्तावों को मंजूरी मिली, जिनमें सबसे अहम रहा “बिहार औद्योगिक निवेश पैकेज 2025”। राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस पैकेज से अगले पाँच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे।

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इस पैकेज में मुफ्त जमीन, टैक्स छूट, ब्याज सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा जैसी कई बड़ी घोषणाएँ की गई हैं।

बिहार औद्योगिक निवेश पैकेज 2025 की मुख्य विशेषताएँ

बिहार सरकार ने इस योजना को निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक बनाने की कोशिश की है। इसके तहत:

  1. मुफ्त जमीन का प्रावधान
    • 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली और 1000 से ज्यादा रोजगार देने वाली इकाइयों को 10 एकड़ तक जमीन मुफ्त मिलेगी।
    • 1000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वालों को 25 एकड़ तक मुफ्त जमीन दी जाएगी।
  2. ब्याज सब्सिडी
    • औद्योगिक इकाइयों को 40 करोड़ रुपये तक ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।
  3. राज्य GST में छूट
    • नई इकाइयों के प्रोजेक्ट लागत का 300% तक SGST (State GST) 14 साल तक माफ रहेगा।
  4. समयसीमा
    • 31 मार्च 2026 तक आवेदन करने वाले निवेशकों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
  5. अन्य प्रोत्साहन
    • स्टांप ड्यूटी और भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति।
    • निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग।
    • पेटेंट पंजीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता।
    • नवीकरणीय ऊर्जा आधारित उद्योगों को अतिरिक्त रियायतें।

1 करोड़ नौकरियों का वादा

इस पैकेज की सबसे बड़ी खासियत है रोजगार सृजन। बिहार सरकार का लक्ष्य है कि अगले पाँच वर्षों में इस पैकेज के जरिए कम से कम 1 करोड़ लोगों को नौकरी और स्वरोजगार के अवसर मिलें।

रोजगार के अवसर कैसे बढ़ेंगे?

  • बड़ी औद्योगिक इकाइयों में सीधी नियुक्ति।
  • छोटे व मझोले उद्योगों में अप्रत्यक्ष रोजगार।
  • सहायक उद्योगों, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में अवसर।
  • स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा।

कौशल विकास और मानव संसाधन

बिहार सरकार का मानना है कि केवल उद्योग स्थापित करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि युवाओं को उद्योगों में काम करने के लिए प्रशिक्षित और योग्य बनाना भी ज़रूरी है।

  • कौशल विकास केंद्रों की स्थापना।
  • उद्योगों के साथ मिलकर स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम
  • आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों का आधुनिकीकरण।
  • महिलाओं और युवाओं को विशेष प्रशिक्षण।

पर्यावरण और हरित ऊर्जा पर जोर

आज जब पूरे देश में पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा को प्राथमिकता दी जा रही है, बिहार सरकार ने भी इस पैकेज में इसका खास ध्यान रखा है।

  • निवेश करने वाली कंपनियों को सोलर और हरित तकनीक अपनानी होगी।
  • पर्यावरणीय मानकों का पालन अनिवार्य होगा।
  • प्रदूषण नियंत्रण और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सहायता दी जाएगी।

बिहार में निवेश का बदलता परिदृश्य

पिछले कुछ वर्षों में बिहार ने सड़क, बिजली, सिंचाई और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तेज़ी से काम किया है।

  • बिजली आपूर्ति पहले की तुलना में स्थिर और पर्याप्त हो चुकी है।
  • सड़क और रेल कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, जिससे माल ढुलाई आसान हो गई है।
  • गंगा नदी पर नए पुल और फोरलेन सड़कें उद्योगों के लिए लाभकारी हैं।
  • डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान

कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा:

“हमारा लक्ष्य है कि बिहार अब पिछड़े राज्यों की छवि से बाहर निकले और उद्योग-निवेश का बड़ा केंद्र बने। यह पैकेज युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करेगा और बिहार की आर्थिक तस्वीर बदल देगा।”

विपक्ष और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने इस पैकेज पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है।

  • कुछ नेताओं ने कहा कि यह योजना कागज़ों पर ही सीमित न रह जाए।
  • पिछले पैकेजों की तरह इसके क्रियान्वयन में देरी न हो, इस पर निगरानी ज़रूरी है।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसे सही ढंग से लागू किया गया तो बिहार उत्तर भारत का औद्योगिक हब बन सकता है।

पिछले औद्योगिक पैकेजों से तुलना

बिहार सरकार ने पहले भी कई निवेश प्रोत्साहन योजनाएँ चलाई थीं। लेकिन उनमें कई समस्याएँ सामने आईं:

  • जमीन अधिग्रहण में दिक्कतें।
  • निवेशकों का भरोसा न जीत पाना।
  • बिजली और कनेक्टिविटी की कमी।

लेकिन इस बार सरकार ने इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए

  • मुफ्त जमीन
  • SGST छूट
  • ब्याज सब्सिडी
  • लॉजिस्टिक सपोर्ट जैसी सुविधाएँ शामिल की हैं।

संभावित उद्योग जो लाभान्वित होंगे

  1. टेक्सटाइल उद्योग
  2. फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स
  3. आईटी और स्टार्टअप सेक्टर
  4. मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल
  5. नवीकरणीय ऊर्जा आधारित उद्योग
  6. हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर

“बिहार औद्योगिक निवेश पैकेज 2025” राज्य के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। अगर सरकार अपने वादे पर खरी उतरी तो न केवल निवेशकों को लाभ होगा बल्कि राज्य के लाखों युवाओं के जीवन में भी बदलाव आएगा।

यह पैकेज बिहार को आने वाले वर्षों में निवेश, उद्योग और रोजगार का प्रमुख केंद्र बना सकता है

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