ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में कल होगी विशेष चर्चा, संसद में गूंजेगा पहलगाम हमला

जुलाई 27, नई दिल्ली (SHABD):

संसद के मौजूदा मानसून सत्र में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर कल जोरदार चर्चा होने जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” और पहलगाम आतंकी हमले पर लोकसभा में विशेष चर्चा सोमवार को प्रस्तावित है। इस बहस को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर सुरक्षात्मक एजेंसियों तक गहरी दिलचस्पी देखी जा रही है।

ऑपरेशन सिंदूर लोकसभा चर्चा का विषय इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह केवल आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक एकता और सरकार की रणनीतिक क्षमता से जुड़ा मामला है।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया एक सुरक्षा अभियान है। इसमें आतंकियों के ठिकानों को चिन्हित कर उन्हें निष्क्रिय करने के लिए सटीक और सामरिक कार्रवाई की गई है।

इस ऑपरेशन के तहत सीमापार से हो रही घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए विशेष बलों, ड्रोन तकनीक और इंटेलिजेंस इनपुट का प्रयोग किया गया है।


क्यों है संसद में चर्चा महत्वपूर्ण?

संसदीय कार्य मंत्री किरेंन रिजिजू ने पहले जानकारी दी थी कि संसद में इस पर चर्चा की मांग विपक्षी दलों द्वारा लगातार की जा रही थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस विषय पर 16 घंटे का विशेष सत्र रखा जाएगा।

  • लोकसभा में सोमवार को 16 घंटे की चर्चा होगी।
  • राज्यसभा में मंगलवार को चर्चा प्रस्तावित है।

यह चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा पर जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।

विपक्ष की भूमिका और राजनीतिक रणनीति

विपक्षी दलों ने इस हमले और ऑपरेशन पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पारदर्शिता रखनी चाहिए। हालांकि, सरकार ने पहले दिन से ही चर्चा के लिए तत्परता दिखाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस पर खुली बहस चाहती है।

कांग्रेस, टीएमसी, आप, डीएमके और अन्य विपक्षी दल इस चर्चा के जरिए सरकार की रणनीति पर सवाल उठा सकते हैं, जबकि भाजपा और एनडीए सरकार इस बहस के जरिए अपनी रणनीति को मजबूत तरीके से प्रस्तुत करना चाहेंगे।


सुरक्षा एजेंसियों की नजर

इस चर्चा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और गृह मंत्रालय से जुड़ी एजेंसियां संसद की कार्यवाही पर करीबी नजर रख सकती हैं। यह देखा जा रहा है कि क्या सरकार किसी बड़ी रणनीतिक योजना की घोषणा करती है या नई नीतियों का संकेत देती है।


राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी। प्रधानमंत्री ने पहले ही स्पष्ट किया था कि आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है।

सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर #OperationSindoor और #PahalgamAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। जनता इस ऑपरेशन पर जानकारी चाहती है और यह चर्चा उन सभी के लिए महत्वपूर्ण होगी जो भारत की आतंकी नीति और सैन्य प्रतिक्रियाओं को लेकर सजग हैं।

ऑपरेशन सिंदूर लोकसभा चर्चा भारतीय संसद के इस सत्र का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। यह बहस ना केवल राजनीति बल्कि देश की आतंकी नीति, सुरक्षा ढांचे और कूटनीतिक दृष्टिकोण की दिशा भी तय कर सकती है।

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लेखक: Advocate Mohan Kumar

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