इटावा पुलिस ने फर्जी ऊर्जा मंत्री को किया गिरफ्तार

लेखक: एडवोकेट मोहन कुमार स्थान: इटावा, उत्तर प्रदेश

फर्जी ऊर्जा मंत्री की गिरफ्तारी: इटावा पुलिस ने किया पर्दाफाश

फर्जी ऊर्जा मंत्री की गिरफ्तारी कर इटावा पुलिस ने एक गंभीर साइबर अपराध का भंडाफोड़ किया है। आरोपी व्यक्ति ने मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के नाम पर ट्रूकॉलर आईडी बनाकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बृजेश कुमार श्रीवास्तव को फोन कर थाना सहसों के इंचार्ज को हटवाने और आरोपी को बचाने का दबाव बनाया।

कैसे हुआ फर्जी ऊर्जा मंत्री का पर्दाफाश?

जैसे ही SSP को संदेह हुआ, उन्होंने मामले को साइबर क्राइम सेल को सौंपा। जांच में सामने आया कि आरोपी मध्य प्रदेश का मंत्री बनकर कॉल कर रहा था, जबकि उसका लोकेशन इटावा कलेक्ट्रेट परिसर में पाया गया।

क्या था आरोपी का मकसद?

  • सहसों थाना इंचार्ज को ट्रांसफर करवाना
  • एक मामले में दर्ज आरोपी को पुलिस से बचाना
  • खुद को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बताकर सत्ता का दबाव बनाना

यह स्पष्ट रूप से पद के दुरुपयोग और साइबर धोखाधड़ी का प्रयास था।

फर्जी ऊर्जा मंत्री की गिरफ्तारी के बाद क्या कार्रवाई हुई?

इटावा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए:

  • आरोपी को मौके से गिरफ्तार किया
  • मोबाइल फोन और कॉल रिकॉर्डिंग जब्त की
  • आईपी ऐड्रेस और डिवाइस डेटा को डिजिटल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा
  • आरोपी को जेल भेज दिया गया है और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है

फर्जी पहचान पर कानून क्या कहता है?

भारतीय कानून के तहत:

  • IPC धारा 419 और 420: धोखाधड़ी और झूठी पहचान बनाकर ठगी करने पर 7 साल तक की सजा हो सकती है।
  • आईटी अधिनियम की धारा 66D: साइबर फ्रॉड में पहचान छुपाने या गलत तरीके से दिखाने पर कठोर दंड का प्रावधान है

फर्जी पहचान बनाना अब नहीं बचाएगा

फर्जी ऊर्जा मंत्री की गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है कि अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अपराधी ज्यादा देर तक कानून की नजरों से बच नहीं सकते। इटावा पुलिस की सक्रियता और साइबर टीम की कुशलता ने एक बड़ा अपराध समय रहते रोक दिया।

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