नेपाल की यात्रा पर CJI BR गवई, न्यायिक संबंध मजबूत करने पर दिया जोर

लेखक: एडवोकेट मोहन कुमार | Madhubani Times | 6 सितंबर 2025

CJI BR गवई नेपाल यात्रा भारत और नेपाल के ऐतिहासिक न्यायिक संबंधों को नई ऊर्जा दे रही है। इस दौरे में मुख्य न्यायाधीश गवई ने नेपाल के मुख्य न्यायाधीश राउत से मुलाकात की और न्यायपालिका सहयोग पर जोर दिया।” इसी कड़ी में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई नेपाल की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। नेपाल के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत के निमंत्रण पर हुई इस यात्रा को दोनों देशों की न्यायपालिका के बीच बढ़ते सहयोग का प्रतीक माना जा रहा है।

यात्रा का कार्यक्रम और उद्देश्य

मुख्य न्यायाधीश गवई 4 से 7 सितंबर तक नेपाल में हैं। इस दौरान उन्होंने काठमांडू और अन्य स्थानों पर न्यायिक प्रतिनिधियों, विधि विशेषज्ञों और विधि छात्रों से संवाद किया।

  • यात्रा की आधिकारिक जानकारी काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की।
  • दौरे का मुख्य उद्देश्य न्यायिक संबंधों को सुदृढ़ करना और कानूनी सुधारों पर विचार-विमर्श करना है।
  • भारत-नेपाल न्यायिक वार्ता (India-Nepal Judicial Dialogue) का आयोजन इस यात्रा का मुख्य आकर्षण रहा।

“CJI BR गवई नेपाल यात्रा और भारत-नेपाल न्यायिक वार्ता : न्यायपालिका की नई भूमिका”

इस विशेष वार्ता में मुख्य न्यायाधीश गवई ने न्यायपालिका की उभरती भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।

  • उन्होंने बताया कि आधुनिक लोकतंत्र में न्यायपालिका केवल विवादों का निपटारा करने वाली संस्था नहीं रह गई है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन और न्यायिक सुधार का भी आधार है।
  • न्यायपालिका की स्वतंत्रता, पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया।
  • हाल के वर्षों में भारत और नेपाल दोनों देशों में न्यायिक सुधारों और तकनीकी उपयोग पर बढ़ती चर्चा को उन्होंने सराहा।

न्यायिक सुधार और डिजिटल न्याय व्यवस्था

भारत में हाल के वर्षों में डिजिटल कोर्ट, ई-फाइलिंग, वर्चुअल हियरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे कदम उठाए गए हैं।

  • गवई ने बताया कि ई-कोर्ट परियोजना न्यायपालिका को तेज, पारदर्शी और सुगम बनाने का माध्यम है।
  • उन्होंने नेपाल के न्यायिक समुदाय को आमंत्रित किया कि वे भारत के डिजिटल सुधारों से अनुभव साझा करें।
  • नेपाल ने भी हाल के वर्षों में ऑनलाइन केस मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया है, जिसे और मजबूत करने पर चर्चा हुई।

नेपाल के मुख्य न्यायाधीश का स्वागत भाषण

नेपाल के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत ने भारतीय समकक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा भारत-नेपाल न्यायिक रिश्तों को गहराई प्रदान करेगी।

  • उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका का अनुभव नेपाल के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
  • नेपाल की न्यायपालिका भी लोकतंत्र की मजबूती और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए निरंतर सुधार कर रही है।
  • दोनों देशों के बीच न्यायिक संवाद को नियमित रूप से आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया।

भारत-नेपाल संबंधों में न्यायपालिका की भूमिका

भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक संबंध हैं। लेकिन अब न्यायपालिका भी इस रिश्ते की एक अहम कड़ी बन चुकी है।

  • कानूनी शिक्षा, न्यायिक प्रशिक्षण और विधिक सहयोग के क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे के अनुभव साझा कर रहे हैं।
  • भारतीय विधि आयोग और नेपाल के कानून आयोग के बीच भी विचार-विमर्श की संभावनाएं बढ़ी हैं।
  • क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत और नेपाल न्यायपालिका सहयोग कर सकते हैं।

विधि छात्रों और युवा वकीलों के लिए प्रेरणा

इस यात्रा के दौरान CJI गवई ने नेपाल के विधि छात्रों और युवा अधिवक्ताओं से भी बातचीत की।

  • उन्होंने कहा कि न्यायपालिका केवल करियर का विकल्प नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा का माध्यम है।
  • कानून के छात्रों को शोध, नवाचार और न्यायिक सुधारों में योगदान करने के लिए प्रेरित किया।
  • भारत और नेपाल के बीच छात्र-आदान-प्रदान कार्यक्रम (student exchange programme) शुरू करने का सुझाव दिया गया।

न्यायपालिका और लोकतंत्र का भविष्य

CJI गवई ने अपने भाषण में कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र की रीढ़ है।

  • उन्होंने कहा कि मजबूत और स्वतंत्र न्यायपालिका ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी दे सकती है।
  • बदलते सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में न्यायपालिका को तकनीकी बदलाव और पारदर्शिता अपनानी होगी।
  • न्यायिक निर्णयों की समयबद्धता और सरल भाषा में उपलब्धता पर उन्होंने बल दिया।

भारत-नेपाल न्यायिक सहयोग के लाभ

दोनों देशों के बीच न्यायिक सहयोग से कई लाभ हो सकते हैं –

  1. न्यायिक प्रशिक्षण और शिक्षा – भारत के न्यायिक अकादमी और नेपाल के न्यायिक संस्थानों में सहयोग।
  2. डिजिटल ट्रांजिशन – केस मैनेजमेंट, ई-फाइलिंग और वर्चुअल कोर्ट में संयुक्त कार्यशालाएं।
  3. विधिक सुधार – दोनों देशों के कानून आयोगों के बीच संयुक्त अध्ययन।
  4. जन-जन तक न्याय – ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में न्याय सुलभ बनाने के लिए साझा रणनीतियाँ।

यात्रा का सांस्कृतिक और कूटनीतिक महत्व

न्यायिक वार्ता से इतर यह यात्रा भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और कूटनीतिक रिश्तों को भी मजबूती प्रदान करती है।

  • काठमांडू के ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा के दौरान CJI गवई ने कहा कि भारत और नेपाल की सांस्कृतिक विरासत साझा धरोहर है।
  • उन्होंने नेपाल के बुद्धिस्ट और हिंदू तीर्थ स्थलों की महत्ता पर प्रकाश डाला।
  • इस यात्रा ने दोनों देशों की जनता के बीच आपसी विश्वास और सद्भाव को और बढ़ाया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई की यह नेपाल यात्रा केवल एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि न्यायपालिका को जोड़ने वाली कड़ी है। इससे न केवल भारत-नेपाल न्यायिक सहयोग मजबूत होगा, बल्कि दोनों देशों के लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।

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