GI-टैग वाले मिथिला मखाना की खेप न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका रवाना

सितंबर 12, बिहार: बिहार के किसानों और उद्यमियों के लिए ऐतिहासिक क्षण आया जब GI-टैग वाले मिथिला मखाना की पहली बड़ी खेप 7 मीट्रिक टन के साथ न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका के लिए रवाना हुई। यह अवसर केवल एक निर्यात उपलब्धि नहीं बल्कि बिहार को कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात के केंद्र में बदलने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

बिहार आइडिया फेस्टिवल और एपीडा कार्यालय का उद्घाटन

11 सितंबर 2025 को पटना में आयोजित बिहार आइडिया फेस्टिवल के दौरान केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के क्षेत्रीय कार्यालय का शुभारंभ किया।

इस मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, एपीडा नेतृत्व, उद्यमी, किसान उत्पादक संगठन (FPOs) और स्टार्ट-अप प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

पीयूष गोयल ने कहा – “पटना में एपीडा कार्यालय का उद्घाटन केवल प्रशासनिक उपलब्धि नहीं है, यह बिहार के किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने का मिशन है।”

GI-टैग वाले मिथिला मखाना का निर्यात: अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी मांग”

मखाना को बिहार के मिथिला क्षेत्र की पहचान माना जाता है। 2022 में GI टैग मिलने के बाद इसकी अंतर्राष्ट्रीय मांग लगातार बढ़ रही है। GI टैग मिलने से:

  • ✔️ उत्पाद की पहचान और प्रामाणिकता मजबूत होती है।
  • ✔️ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
  • ✔️ किसानों और महिला उद्यमियों को सीधा लाभ मिलता है।

महिला उद्यमिता की मिसाल – नेहा आर्या

इस ऐतिहासिक निर्यात की अगुवाई दरभंगा की उद्यमी नेहा आर्या ने की। उनकी कंपनी नेहाशी ने 7 मीट्रिक टन मखाना निर्यात कर यह साबित किया कि बिहार की महिलाएं अब कृषि आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भी अग्रणी बन रही हैं।

यह पहल लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है और APEDA के समावेशी विकास मॉडल को दर्शाती है।

बिहार का कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र

बिहार की भूमि कई GI-टैग वाले उत्पादों और उच्च मूल्य वाली फसलों के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख उत्पाद:

  • शाही लीची (मुजफ्फरपुर)
  • जर्दालु आम (भागलपुर)
  • मगही पान
  • तिलकुट और तिल उत्पाद
  • मखाना (मिथिला क्षेत्र)

इन उत्पादों के GI टैग और सरकारी सहयोग से बिहार का कृषि निर्यात तेज़ी से बढ़ रहा है।

एपीडा कार्यालय के लाभ

पटना में एपीडा कार्यालय खुलने से किसानों और निर्यातकों को अब वाराणसी जाने की ज़रूरत नहीं होगी। यह कार्यालय प्रदान करेगा:

  • ✔️ पंजीकरण और प्रमाणन सहायता
  • ✔️ बाजार सूचना और परामर्श सेवाएं
  • ✔️ अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों पर प्रशिक्षण
  • ✔️ एफपीओ और स्टार्ट-अप्स को सीधी तकनीकी मदद
  • ✔️ निर्यात दस्तावेज़ीकरण और लॉजिस्टिक्स में सुगमता

हाल के वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां

  • 2023: GI टैग वाला जर्दालु आम अमेरिका और खाड़ी देशों में निर्यात।
  • 2024: शाही लीची और पारंपरिक मिठाई तिलकुट को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भेजा गया।
  • 2025: GI टैग वाला मिथिला मखाना न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका तक पहुँचा।

अंतर्राष्ट्रीय खरीदार-विक्रेता बैठक (IBSM)

मई 2025 में पटना के ज्ञान भवन में आयोजित IBSM में 22 देशों के 70 अंतर्राष्ट्रीय खरीदार और 40 घरेलू निर्यातकों ने भाग लिया। इस बैठक से बिहार के कृषि उत्पादों की वैश्विक पहुँच और मजबूत हुई।


बिहार के किसानों के लिए नई संभावनाएँ

  • किसानों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक सीधी पहुँच।
  • महिला और युवा उद्यमियों के लिए स्टार्ट-अप अवसर।
  • निर्यात आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती।
  • सतत विकास और जैविक खेती को प्रोत्साहन

विशेषज्ञों की राय

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मखाना विश्व स्तर पर एक सुपरफूड के रूप में लोकप्रिय हो रहा है। इसमें प्रोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट और लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह अमेरिका और यूरोप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार – “यदि बिहार गुणवत्ता और पैकेजिंग मानकों पर निरंतर ध्यान देता रहा, तो अगले पांच वर्षों में मिथिला मखाना का निर्यात दोगुना हो सकता है।”

आगे की राह

बिहार सरकार और एपीडा मिलकर:

  • अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ब्रांडिंग अभियान चलाएंगे।
  • किसानों के लिए ट्रेनिंग और अवेयरनेस प्रोग्राम जारी रहेंगे।
  • पैकेजिंग, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स में आधुनिक तकनीक लाई जाएगी।
  • GI टैग वाले अन्य उत्पादों को भी वैश्विक बाजारों तक पहुँचाया जाएगा।

GI टैग वाले मिथिला मखाना का न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका तक पहुँचना बिहार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह केवल कृषि निर्यात की सफलता नहीं बल्कि महिला सशक्तिकरण, किसान समृद्धि और बिहार के वैश्विक कृषि मानचित्र पर उभरने का प्रमाण है।

पटना में एपीडा कार्यालय की शुरुआत से बिहार के किसानों और निर्यातकों को सीधे वैश्विक बाजारों से जोड़ने का नया द्वार खुला है। आने वाले समय में यह कदम बिहार को भारत का कृषि निर्यात हब बनाने में निर्णायक साबित होगा।

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https://apeda.gov.in/अधिक जानकारी के लिए देखें APEDA Official Website

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