अमेरिका ने ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ को घोषित किया विदेशी आतंकी संगठन, भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

माधुबनी टाइम्स डेस्क | 19 जुलाई 2025

द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) एक उभरता हुआ आतंकी संगठन है, जो पाकिस्तान स्थित कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक प्रॉक्सी संगठन माना जाता है। TRF का गठन कश्मीर घाटी में आतंकवाद को एक “स्थानीय विद्रोह” का रूप देने के लिए किया गया, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरा जा सके।

लेकिन TRF का असली चेहरा तभी सामने आ गया जब यह संगठन लगातार भारत विरोधी गतिविधियों, आतंकी हमलों और दुष्प्रचार अभियानों में संलिप्त पाया गया।

पहलगाम हमला: TRF की बर्बरता का ताजा उदाहरण

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में TRF की संलिप्तता पाई गई। इस नृशंस हमले में 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान चली गई। इस घटना ने देशभर को झकझोर कर रख दिया और TRF को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया।

अमेरिका की ऐतिहासिक कार्रवाई

अमेरिकी विदेश विभाग ने TRF को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ (Foreign Terrorist Organization – FTO) घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई अमेरिका के इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 219 के तहत की गई है।

विदेश सचिव मार्को रुबियो ने कहा कि यह कदम आतंकवादी नेटवर्क की वित्तीय और लॉजिस्टिक सपोर्ट को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।

अब TRF और उससे जुड़े व्यक्तियों पर:

  • संपत्ति जब्ती (Asset Freeze)
  • अमेरिका में यात्रा प्रतिबंध
  • वित्तीय लेनदेन पर रोक
    जैसे कड़े प्रतिबंध लागू होंगे।

भारत-अमेरिका की साझा रणनीति का असर

भारत लंबे समय से TRF, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई की मांग कर रहा था। अमेरिका का यह कदम भारत की उन कोशिशों को बड़ी मजबूती देता है।

यह पाकिस्तान पर भी अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाएगा, जो बार-बार आतंकियों को पनाह देने के आरोपों में घिरा रहा है।

आतंक के खिलाफ एकजुटता की मिसाल

अमेरिका द्वारा TRF को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करना भारत की सुरक्षा नीति की एक कूटनीतिक जीत है। यह फैसला न केवल TRF की गतिविधियों को सीमित करेगा, बल्कि आतंक के खिलाफ वैश्विक सहयोग की मिसाल भी बनेगा।

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